भिण्ड। भिंड में मानवता को शर्मसार करने वाली 2 दिन के अंदर दो तस्वीरें सामने आई है। एक ओर मुक्तिधाम नहीं होने पर बरसते पानी के बीच लोगों ने तिरपाल लगाकर अंतिम संस्कार किया। वहीं दूसरी तरफ रफ पाइप और टीन सेड लगाकर अंतिम संस्कार किया गया।

दरअसल भिण्ड जिले के गौहद क्षेत्र के ग्राम पंचायत बाराहेड के ग्राम मानपुरा में अंतिम संस्कार के लिए तिरपाल लगाने के बाद एक वृद्ध महिला का अंतिम संस्कार किया गया। वहीं दूसरी ओर भिण्ड से कुछ भी दूर पर बसें चौकी गांव में एक व्यक्ति का अंतिम संस्कार पाइप और टीन के तख्ते लगाकर करना पड़ा।
मानपुरा गांव निवासी वृद्ध महिला कैलाशी बाई का निधन हो गया तो उनके परिजन उनका अंतिम संस्कार करने के लिए शमसान घाट पर ले गए। बारिश लगातार होने की वजह से तथा गाँव से शमसान घाट तक रास्ता न होने के कारण परिजन डेडबॉडी को लगभग 500 मीटर दूर कीचड़ में ले गए। यहां शमसान घाट पर टीनशेड न होने की वजह से परिजनों को तिरपाल ऊपर तान कर खड़े होकर अंतिम संस्कार करना पड़ा।

जिले में आज भी कई ऐसे गांव हैं, जहां मुक्तिधाम नहीं
सरकार की तमाम पंच परमेश्वर तथा मनरेगा जैसी योजनाओं को धरातल पर धराशाही होते देखा। सरकार इन योजनाओं के तहत जहां हर साल हर पंचायत में लाखों रुपयों के कागजी काम के नाम पर भ्रष्टाचार होता है, लेकिन अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की सांठगांठ से भृष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है। आज भी कई गाँव ऐसे है जहाँ आज तक न तो शमशान घाट पर टीनशेड लगाया है न ही वहाँ तक पहुंचने के लिए रोड है। कुछ माह पहले भी अजमेर गांव से शमशान ना होने के चलते सड़क पर अंतिम संस्कार करने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी तब भिण्ड कलेक्टर ने सचिव को निलंबित कर तत्काल श्मशान बनाने के आदेश जारी किए थे। जिले के सभी ग्राम पंचायतों में नवंबर तक मुक्तिधाम निर्माण करवाने के निर्देश दिए थे लेकिन शासन के आदेश की धज्जियां निचले स्तर पर किस प्रकार बनाई जाती है। इसकी यह बानगी एक बार फिर बरसात के चलते फिर सामने आ गई है।
नवंबर तक सभी ग्रामों में मुक्तिधाम बन जाएंगेः पंचायत सीईओ
मामले में पंचायत सीईओ जेके जैन ने कहा कि आने वाले 1 नवंबर तक सभी ग्रामों में मुक्तिधाम बन जाएंगे और आज सामने आए इन दोनों मामलों में जांच कराई जा कर के दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।







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