भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले आदिवासी बच्चों को कांग्रेस विधायक सदन के बाहर लेकर आए. आदिवासी बच्चों को नंगे पैर सड़क पर चलाया गया. कांग्रेस विधायकों के पैरों में महंगे जूते है और बच्चे नंगे पैर थे. विधानसभा के बाहर प्रदर्शन में बच्चों को नंगे पैर लाया गया. सियासत में आदिवासी बच्चे पिस रहे हैं. कांग्रेस का आरोप हमारे साथ बदतमीज़ी की गई. हमारे विधायक का हाथ मरोड़ा गया. हम बस प्रदर्शन कर रहे थे.
इसके बाद प्रदर्शन के बीच बच्चों को चप्पल और सैंडल पहनाई गईं. प्रदर्शन के दौरान ही चप्पल और सैंडल उपलब्ध कराई गईं. बच्चों के पैरों में चप्पल क्यों नहीं सवाल पर पीसी शर्मा ने कहा कि आदिवासी बच्चों की यही हालत है. न पेट भरने के लिए खाना न पैरों में चप्पल हैं. कांग्रेस ने चप्पल और सैंडल उपलब्ध कराई हैं.

जबाव में नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि किसी भी विधायक की गरिमा को ठेस नहीं पहुंचेगी. ये लोग तख़्तियां लेकर अंदर आ रहे थे. सदन की गरिमा बनी रहे हम ये चाहते है. मैं सदन के अंदर बकवास सुनने नहीं जाता ऐसा नेता ऐसे बयान देते है. ये क्या है. ये खुद बकवास करते हैं. ये तख़्तियां लेकर पहुंच गए कोई गरिमा है की नहीं.
कांग्रेस विधायक मनोज चावला और बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा के बीच झूमाझटकी हुई. आदिवासी विधायक को सम्मान दो के कांग्रेस ने नारे लगाए. आसंदी छोड़ ज़मीन पर कांग्रेस के विधायक बैठ गए. अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि अर्ज़ी दे हम जांच करेंगे.
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि किसी को खरोंच तक नहीं आई और हाथ टूटने की बात करते है. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि हमारे विधायक का कांग्रेस वालों ने कॉलर पकड़ा है. सदन में जमकर हंगामा हुआ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस माफ़ी मांगे.
बीजेपी मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने आदिवासियों के लिए काम किया होता, तो 70 साल बाद आज ऐसे हालात नहीं होते. कांग्रेस ने हमेशा आदिवासी और उनके बच्चों का उपयोग किया है.
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