कर्ज के बोझ तले दबी शिवराज सरकारः फिर 2 हजार करोड़ कर्ज लेगी एमपी सरकार, 7 प्रतिशत पर 10 साल के लिए लेगी लोन, वर्तमान में प्रदेश पर दो लाख 95 हजार करोड़ का ऋण

 भोपाल। शिवराज सरकार (Shivraj government) पर कर्ज लगातार बढ़ रहा है। एक बार फिर वित्त विभाग 2 हजार करोड़ कर्ज लेने की तैयारी शुरू कर दी है। शिवराज सरकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) से 10 साल के लिए लोन लेगी। शिवराज सरकार करीब 7 परसेंट के ब्याज पर कर्ज लेनी की तैयारी कर रही है। कर्ज प्रदेश में चल रही विकास योजनाओं को पूरा करने के लिए लिया जाएगा। वर्तमान समय में प्रदेश पर दो लाख 95 हजार करोड़ का ऋण है। मध्यप्रदेश सरकार अनुमानित बजट के मुताबिक 5701 करोड़ से अधिक राजस्व के घाटे में है। एमपी सरकार हर महीने करीब ढाई हजार करोड़ लगभग कर्जा ले रही है।



प्रदेश में विकास परियोजनाओं को गति देने के लिए शिवराज सरकार फिर दो हजार करोड़ रुपये का ऋण लेगी। सरकार 7 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज दर पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से 10 साल के लिए ऋण लेगी।सरकार अनुमानित बजट के मुताबिक 5701 करोड़ से अधिक राजस्व के घाटे में है। लिहाजा देश में चल रही विकास योजनाओं को फंड की कमी हो रही है। कर्ज प्रदेश में चल रही विकास योजनाओं को पूरा करने के लिए लिया जाएगा।

आगे कितना कर्ज लेगी मध्यप्रदेश सरकार
मध्यप्रदेश सरकार के अनुसार 2022-23 में 51 हजार 829 करोड़ का कर्ज लेगी। यानी अब हर महिने लगभग 4300 करोड़ रुपए कर्ज होने जा रहा है। अगर कर्ज बढ़ता है तो ब्याज भी बढ़ेगा ही। बता दें कि राज्य सरकार ने वर्ष 2017-18 में 11045 करोड़ का ब्याज दिया, वर्ष 2020-21 में 15917 करोड़ रुपए का ब्याज दिया, वहीं वर्ष 2021-22 में 20040 करोड़ रुपए दिए, जो अब वर्ष 2022-23 में बढ़कर 22166 करोड़ हो जाएगा।

जानिए मध्यप्रदेश पर कितना है कर्ज
मध्यप्रदेश का बजट 2.79 लाख करोड़ है। वहीं कर्ज 3.31 लाख करोड़ रुपए है। राज्य सरकार ने 2020-21 में 52 हजार 413 करोड़ रुपए, 2021-22 में 40 हजार 82 करोड़ रुपएका कर्ज लिया। यानी हर महिने करीब 3 हजार 900 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। इस कर्ज के हिसाब से मप्र की जनसंख्या के अनुसार राज्य का हर व्यक्ति लगभग 40 हजार रुपए का कर्जदार है।

बता दें कि अभी प्रदेश दो लाख 95 हजार करोड़ का लोन है। इसमे राष्ट्रीय बचत योजना से 3756 करोड़ रुपए का कर्जा शामिल है। कुल कर्ज एक लाख 74 हजार करोड़ रुपए है। कंपनसेशन और अन्य ब्रांड पर 7360 करोड़ रुपए और वित्तीय संस्थाओं का कर्जा 12158 करोड़ रुपए है। केंद्र सरकार के लोन और एडवांस 44675 करोड़ पहुंच गया है। अन्य दायित्व कर्ज 22 हजार करोड़ है।

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